The Diary Game is 1732th entry IInd Oct, 2025. even on holiday
Morning time.
सुबह जागने के बाद मैंने सोचा थी थोड़ी देर और आराम कर लेना चाहिए क्योंकि मैंने सोचा बाकी कार्य पूरे हो सकते हैं विजयदशमी जो राम और रावण के बीच की लड़ाई का अंत था यह उपलक्ष्मी निगम करते रहते हवाई हमारी रिपोर्ट की इच्छा है फिर मैं अपने कमरे से बाहर आया हूं सुबह के लिए एक कप चाय मिल सकती है मिलने का ठीक है मैं आपको कब चाय दे सकता हूं थोड़ा समय दीजिए फिर मैं उनके लिए एक कप चाय बनाता हूं और बाकी भाई पूरा करता हूं ढूंढ लेने चला जाऊंगा वहां से आने के बाद मिली मोती रामपुर क्या फिर मैं अपने कपड़ों की मदद कर लेना दूसरी जगह लगा दी जानकारी को करने में 9:00 बजे है तब मैं स्नान किया और उसको तुरंत निकल जाता हूं।
उसके बाद मैंने सोचा कि अपने कंप्यूटर रूम की सफाई कर लिया था क्योंकि सारा सामान भेज कर दोबारा लगाने की कोशिश की थी इसलिए मुझे उम्मीद है लेकिन इतना नहीं होता काफी देर हो चुकी है तो मुझे लगता है की ओर से में देना होगा फिर मैं अपने भोजन की व्यवस्था करने के लिए पास में होटल है उसे पर गया वहां पर मैंने बोला भैया जी आप मुझे चार रोटी दे दीजिए फिर विचार रोटी बना कर देते हैं फिर रास्ते में सब्जी की दुकान है वहां पर सब्जी अच्छी मिलती है और अच्छे प्राइस में मिलती है जिसमें मैं ₹20 में थोड़ी सब्जी ली और जाकर ऑफिस में बैठ गया
फिर मैं अपना भोजन कर रहा हूं भोजन में आज मेरे साथ बोले और समोसे हैं साथ में लाई भी रोती है रोटी काफी बड़ी और स्वादिष्ट टाइम गम है तो और भी अच्छी लग रही है फिर मैं भोजन करता हूं क्योंकि आज घर से भोजन नहीं आया है किसी कारण के हो सकता है लेकिन कभी-कभी कुछ बहुत सारे कारण ऐसे हो जाते हैं जो किसी और को नहीं बताए जाते व्यवस्था ठीक करने के लिए कई दिन लगेंगे इसलिए अभी बाहर का ही खाना सबसे सही है
फिर मैं मिस्त्री का कार्य पूरा करता हूं क्योंकि वह पंख लगा रहा है मैंने कहा ठीक है आप इस सारे पंखों को लगाकर दूसरी जगह भेज दीजिए क्योंकि समय लगता है पंखे में लेकिन पंखे की रुकावट से काफी चीज बड़ा हो रही है उन ऑफिस में पंखा उतारने के बाद बिना पंखे की गर्मी लगती है इसलिए मैंने दुकानदार को पंखे का डिजाइन बता दिया है उसने कहा कि आज आपका ऑर्डर आ जाएगा लेकिन अभी तक नहीं आया है उसके बाद में शाम हो गई है पंखे नहीं लगे हैं कोई बात नहीं फिर मैं घर जा रहा हूं थोड़े से सोचा कि क्यों ना यहां से नष्ट करता चलो फिर नाश्ता कर लिया और उसके बाद मैं थोड़ी सी जलेबी खाई और जलेबी खाने के बाद घर में 7:45 में पहुंच गया मैंने अपना लैपटॉप खोला और दिन भर की दिनचर्या का वर्क पूरा कर दिया क्योंकि सुबह के समय काम में इतना व्यस्त हो जाता हूं कि पूरा दिन पता नहीं कहां जाना जाता है समय नहीं मिलता है इसलिए मैं सोचता हूं कि अब वह कार्य पूरा कर सकता हूं9:00 चुके हैं बहुत ही अधिक नींद आ रही है लेकिन फिर भी मैं पोस्ट कर रहा हूं नींद में कोई कोई चीज गलत हो जाती है क्योंकि मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि मुझे क्या बोलना चाहिए क्या नहीं इसके लिए मुझे क्षमा कीजिए अभी इंतजार है कि मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द ही है पूरा हो जाए लेकिन मैं बोलता बोलता मैं सो गया और पता ही नहीं लगा कि कब मुझे नींद आ गई और सुबह ही मेरी नींद से जगाता हूं
Photos captured by | @ahlawat |
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