टी-20 लीग शुरू करने की करोड़ का निवेश; पूरे साल 4 अलग-अलग देशों में हो सकते हैं मुकाबले

in #shop3 days ago

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गोल्फ, बॉक्सिंग, टेनिस, फॉर्मूला-1, MMA में दिलचस्पी दिखाने के बाद सऊदी अरब ने अब क्रिकेट की ओर रुख किया है। नवंबर में राजधानी रियाद में IPL का मेगा ऑक्शन हुआ था। इससे पहले, सऊदी ने IPL में 5 बिलियन डॉलर (करीब 43 हजार करोड़) के निवेश का प्रस्ताव रखा था।

इसी क्रम में सऊदी अरब क्रिकेट की दुनिया में बड़ा कदम रखने की तैयारी कर रहा है। सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड के तहत काम करने वाली एसआरजे स्पोर्ट्स इन्वेस्टमेंट्स कंपनी द्वारा एक ग्लोबल टी20 लीग की योजना बनाई जा रही है।

लीग में होगी आठ टीमें, चार अलग- अलग देशों में होगा टूर्नामेंट इस लीग को टेनिस ग्रैंड स्लैम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसमें कुल आठ टीमें होंगी, जो सालभर में चार अलग-अलग देशों में टूर्नामेंट खेलेंगी। हर टूर्नामेंट 10 से 12 दिन तक चलेगा। इसका फाइनल सऊदी अरब में हो सकता है। दरअसल, हर साल चार टेनिस ग्रैंड स्लैम (ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विम्बलडन, यूएस ओपन) चार अलग-अलग देशों में होते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नई लीग के तहत महिला और पुरुष दोनों के टूर्नामेंट आयोजित करने की योजना है।

BCCI से भी की गई है चर्चा रिपोर्ट्स के अनुसार, एसआरजे के चीफ एग्जीक्यूटिव डैनी टाउनसेंड ने पिछले साल IPL नीलामी के दौरान BCCI से इस लीग की योजना को लेकर संक्षेप में बातचीत की थी। इससे यह संकेत मिलता है कि सऊदी अरब क्रिकेट में उस तरह की उथल-पुथल वाली शुरुआत नहीं करना चाहता है, जैसा उसने गोल्फ में किया है। जहां उसने एलआईवी गोल्फ नामक एक समानांतर सर्किट बना लिया है, जिसे बागी कहा जा रहा है।

बोर्ड्स की राय: IPL को मिल सकती है कड़ी टक्कर, इंग्लैंड-वेल्स क्रिकेट बोर्ड को भी है आपत्ति BCCI द्वारा इस लीग को समर्थन देने के लिए कोई खास वजह नहीं दिख रही,क्योंकि इससे IPL को टक्कर मिल सकती है। अगर BCCI इस लीग का समर्थन नहीं करता,तो इसे बड़ा ब्रॉडकास्टिंग राइट्स हासिल करना मुश्किल होगा। इसके अलावा, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इस लीग का विरोध किया है। उनका मानना है कि क्रिकेट पहले से ही बहुत व्यस्त है और इस लीग के लिए कोई जगह नहीं है। साथ ही, ECB घरेलू द हंड्रेड टूर्नामेंट को भी बचाने की कोशिश कर रहा है।

चुनौती: शेड्यूलिंग और सफल रेवेन्यू मॉडल खड़ा करना मुश्किल काम, ICC की मंजूरी जरूरी

फिलहाल 13 टी20 लीग आयोजित हो रही हैं। अगले साल से IPL 74 की बजाय 92 मैचों का होगा। ऐसे में उपयुक्त विंडो खोजना कठिन।
BCCI अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है, जो नई लीग की लोकप्रियता के लिए खतरा हो सकता है।
IPL के अलावा अन्य लीग आर्थिक सफलता हासिल नहीं कर सकी हैं। ऐसे में निवेश पर अच्छा रिटर्न सुनिश्चित करना चुनौती होगी।
ICC मंजूरी नहीं देता है, तो अनौपचारिक टूर्नामेंट बन सकता है।
क्रिकेट में नया दौर ला सकती है यह लीग, टी20 का कद बढ़ेगा सऊदी पहले से ही फुटबॉल, टेनिस, गोल्फ जैसे खेलों में भारी-भरकम निवेश कर चुका है। IPL में स्पॉन्सरशिप, ICC के साथ साझेदारी और IPL ऑक्शन की मेजबानी करके उसने क्रिकेट में अपनी मौजूदगी को मजबूत किया है। अब, यह लीग ग्लोबल क्रिकेट बाजार में उसकी सीधी एंट्री का बड़ा कदम साबित हो सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह लीग कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और इसे ICC तथा अन्य क्रिकेट बोर्ड्स से कितना समर्थन मिलता है। अगर यह लीग सफल होती है, तो यह क्रिकेट में नया दौर ला सकती है, जहां खिलाड़ियों व निवेशकों की भूमिका और बढ़ जाएगी। इससे क्रिकेट में टी20 फॉर्मेट का दबदबा व कद और बढ़ेगा। वैसे, मैक्सवेल और टाउनसेंड ने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह टूर्नामेंट IPL और बिग बैश जैसे बड़े आयोजनों के इर्द-गिर्द ही होगा।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कमिंस के मैनेजर नील मैक्सवेल का है यह आइडिया यह आइडिया ऑस्ट्रेलिया के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर नील मैक्सवेल का है। वे न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया की ओर से क्रिकेट खेल चुके हैं। वे फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस के मैनेजर हैं। मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन और क्रिकेट न्यू साउथ वेल्स के बोर्ड में भी अहम पद संभाले हैं।

एसआरजे स्पोर्ट्स लीग के शुरुआती चरण में 500 मिलियन डॉलर (करीब 4300 करोड़ रु.) का निवेश करेगा। यह निवेश 800 मिलियन डॉलर (करीब 6900 करोड़) तक संभावित है। लीग को ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (ACA) और वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) की सहमति है। ACA ने कहा, ‘लीग में पुरुष एवं महिला क्रिकेटर्स के लिए समान वेतन मॉडल विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे होने वाली आय क्रिकेट बोर्डों को दी जाएगी ताकि टेस्ट क्रिकेट को बचाया जा सके व महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाया जा सके।’ हालांकि, टूर्नामेंट को आईसीसी की स्वीकृति की जरूरत होगी।