'दूसरों की बुराई सुनना और दूसरों में बुराई देखना ही स्वयं ..........
'दूसरों की बुराई सुनना और दूसरों में बुराई देखना ही स्वयं को बुरा बनाने की शुरुआत है|'."
'दूसरों की बुराई सुनना और दूसरों में बुराई देखना ही स्वयं को बुरा बनाने की शुरुआत है|'."