इस बक्से को देखने के लिए बचपन में बहुत उत्सुक रहते थे हम लोग इसे बारहमन की धोबन के नाम से जाना जाता था ये उस समय की बात है जब गाँव में टेलिविज़न भी नहीं होता था तब इसमें फोटो दिखाने के लिए 10 या 20 पैसे देने पड़ते थे आज तीस साल बाद जब इस बक्से को देखा तो बचपन की याद ताजा हो गई