ज़ुल्फ़ों में तेरी है मेरी जन्नत बासीbabuminz2017 (27)in #poetry • 7 years ago ज़ुल्फ़ों में तेरी है मेरी जन्नत बासी, हर गम को छूपा लेती है तेरी ये दिलकश हसीं, मेरी हर याद में तेरी सूरत है बसी, जो तुम मिल जाओ तो मेरी दुनिया में आ जाये दिलकशी।
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