हिंदी भाषा
हिंदी भाषा हिन्द की,ये है बीती बात
अपने ही तो कर रहे ,हैं हिंदी से घात
गली गली में खुल रही ,पर भाषा की हाट
अधकचरा सा ज्ञान दे,जेब रहे हैं काट
फ़ूले फ़ूले वो फिरें, ले अधकचरा ज्ञान
निज भाषा के ज्ञान बिन ,क्या होगा उत्थान
माँ का आँचल छोड़कर ,चला पराई लीक ।
अपना लाल गंवाय के , दर दर मांगे भीख ।।
निज भाषा को छोड़कर, भूल गया जज्बात ।
मिट्ठू मियां बन करे, रटी रटाई बात ।।
हिंदी से हुई क्रांति,हिंदी से स्वराज ।
हिंदी हृदय हिन्द का,हिंदी हिन्द की लाज ।।
शब्द सीख कुछ और के, कहे गर्व के बोल।
अच्छे लगते दूर के, बड़े सुहाने ढोल ।।