You are viewing a single comment's thread from:RE: धर्म का प्राणतत्व : विनय (भाग # १) | The Life of Religion : Modesty (Part # 1)View the full contextsukumar1 (50)in #life • 6 years ago बिल्कुल सही आदमी कितना भी विद्वान क्यों ना हो अगर उसमें विनम्र,विनय की कमी है,तो फिर उसके पास कुछ भी नहीं है।