You are viewing a single comment's thread from:

RE: मानवता संरक्षण का अस्त्र : अहिंसा (भाग # २ ) | The War of Humanitarian Conservation : Non-violence (Part # 2)

in #life6 years ago

अहिंसा वही व्यक्ति कर सकता है जो धर्मी है। धर्म का पूरी श्रद्धा से पालन करता है।
शास्त्रों में भी लिखा है-
अहिंसा परमो धर्मा
अर्थात अहिंसा ही परम धर्म है, इसके अलावा जो कुछ भी है वो सब हिंसा है।
लेकिन आज के समाज में हिंसा से कोई भी अछूता नहीं है, सभी पर हिंसा हावी है चाहे उसका कोई भी रूप हो।