तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।
Dear Steemians, presenting a beautiful Hindi poem to all of you.
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।
फूलों की सुगंध होकर, मन का आनंद होकर,
दूसरों की सेवा रूप जिंदगिया चंद होकर ,
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।
गंगाजल में बह-बह कर, ज्योतियों में जल-जल कर,
देती सन्देश यही की जीवन मिलना चल-चल कर,
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।
बहुत दूर तारे हो कर, चाँद-भानु न्यारे हो कर,
मन को सुख देती है अनुभव प्यारें हो कर,
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।
वृक्षों के उगने में, बढ़नें में, फल आने में,
हवाओं के बहने में, पंछिओं के गुनगुनाने में,
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना,
कण-कण में रम रही हैं, सबकी हम-दम रही है-2
तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना, तेरी चेतना, प्रभु तेरी चेतना।