You are viewing a single comment's thread from:

RE: जैन दर्शन - अंतरात्मा की परिणति - भाग # २

in #life6 years ago

महेताजी बहुत अच्छा लगता है आपका ब्लोग पढकर लेकिन आत्मा और शरीर अलग है ये समजले हुए भी कई लोग वास्तव में वक्त आने पर भुल जाते हैं!

Sort:  

@jsdjack
ये जो समय है ना, अच्छे अच्छो को सब भुला देता है. आपको अच्छा लगा यही मेरे लिए बहुत है.