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RE: असत्य पैदा करता है अविश्वास (अंतिम भाग #४) | False Unbelief (Final Part # 4)
जान जान नर करै ढिठाई ,
बूडा जाय थाह न पाई।
Dear Mehta Sir!
जैसा कि आपने ब्लॉग में लिखा है कि हर जगह चेतावनी लिखी होती है कि फलां चीज से सावधान रहिये फिर भी मानव ठगों के चंगुल में फंस ही जाता है।
अंग्रेजी में कहावत है error is human.
मानव जाति में अच्छी बुरी दोनों आदते होती है ।अगर मानव में केवल अच्छाइयाँ ही होती तो वो भगवान हो जाता।सर जी कहने का सिर्फ इतना ही तात्पर्य है कि जहां सत्य है वहां असत्य की गुंजाइश रहती है ।