मनोदशा - कैलाश कल्पित

in #kavita6 years ago

मनोदशा - कैलाश कल्पित

वे बुनते हैं सन्नाटे को

मुझको बुनता है सन्नाटा

जीवन का व्यापार अजब है

सुख मिलता है, पाकर घाटा।