Ek sach
कड़वा है मगर सच है ☝️
विवाह उत्सवों में लाखो की शराब पिलाने वालों को ₹2100 या 3100 दक्षिणा वाला पंडित लुटेरा दिखता है, ठग लगता है
शादियों में लहँगा उठा कर, 4 घंटे गाना और डांस करके 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये लेने वाले की अपेक्षा पूरी रात जग कर शुभ गान स्वस्तिवाचन कर दो अलग स्त्री-पुरुष को एक करने वाला
दक्षिणा में 2100 - 3100 रुपये लेने वाला पंडित लुटेरा लगता है, ठग लगता है
ब्यूटी पार्लर वाले 30,000 रुपए ले जाते हैं, कैमरामैन 50,000 ले जाता है तब सब ठीक है चलता है
ये सोच नहीं है, यह अंदर की कलुषता, द्वेष और एक वर्ण विशेष से घोर नफरत जो कि वामपंथियों और अन्य सनातन विद्रोहियों द्वारा पिछले 200 वर्षों में आपके अंदर कूट-कूट कर भरी गयी
यह उसका परिचायक है
ये सोच आपको सनातन धर्म से दूर ले जाती है
आपको अपने धर्म से दूर करती है, सोचिए, मनन करिये
जय सनातन धर्म 🚩
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