णमोकार महामंत्र - जिनवाणी को समझे
णमोकार महामंत्र
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोय सव्वसाहूणमं,
एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पावप्पणासनो ।
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं ।।
इस मंत्र का मतलब बड़े रूप में यह है। इनमे से पहली पांच पंक्तियों का अर्थ है :
1. अरिहंतो को नमस्कार हो,
2. सिद्धों को नमस्कार हो,
3. आचार्यों को नमस्कार हो,
4. उपाध्यायों को नमस्कार हो,
5. लोक में विराजित सर्व साधुओं को नमस्कार हो,
और शेष दो पंक्तियों का अर्थ है कि
इन पांचों को किया हुआ नमस्कार, सब पापों का सर्वथा नाश करने वाला और सब मंगलों में प्रथम (मुख्य) मंगल है ।
इस मंत्र को नमोकर महामंत्र भी कहते है और यह लगभग सभी जैन बंधुओ को याद होता है । परन्तु इसका अर्थ पता हो यह जरुरी नहीं है। इस लिए यहाँ मैंने मतलब भी दिया है । आशा करता हूँ आप सभी को पसंद आएगा ।
प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला अथार्थ १०८ बार जपने से भव - भव के पाप नष्ट हो जाते है ।
यह महामंत्र शाश्वत है । इस मंत्र की न आदि है, न अन्त । इस मंत्रराज में पंच परमेष्ठी भगवन्तो को नमस्कार किया गया है । यह महामंत्र पूजनीय है । यह सर्वमान्य, विघ्न विनाशक, सभी पापों का सर्वथा नाश करने वाला महामंत्र है । यह मंत्र परम कल्याणकारी एवं जीवन को श्रेष्ठ ऊंचाईयों पर ले लेन वाला है ।
Sir bahut hi Accha concept hai ye.
मातृभाषा में पढ़ने का अपना एक अलग अनुभव है।👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
धन्यवाद आपको इस सुन्दर लेख के लिए।
हाँ , सही कहा आपने. अपनी भाषा की बात ही कुछ और होती है.
@mehta जय हो .. good writing
आप लोगों से प्रोत्साहन मिलता रहेगा, तो हम सब तो आगे बढ़ते ही रहेंगे. आपके जय के लिए शुक्रिया .
There is so much animal abuse in the world. Thank you for being vegan.
@mehta sir.... Pls Jain dharm k 24 tirthankrs ka bhi post daliye.
बस आप सब लोगों का सहयोग व प्यार यू ही मिलता रहे तो एक दिन २४ तिर्थंकरो के नाम भी डाल देंगे. आपके सुझाव के लिए शुक्रिया.
Thank you sir...
You got a 100.00% upvote from @pavanghanate2018 courtesy of @mehta!
nicely written and very well explained
keep steeming
@mehta
Jai jinendra
@mehta
mehta ji bahut hi acha article likha aapne.
very nice mehtaji bahut achha
I like your post.... Maine resteem bhi kiya hai aapki post ko... Bahut accha laga aapki post dekhker