ठिठुरता हुआ गणतंत्र
स्वतंत्रता-दिवस भी तो भरी बरसात में होता है। अंग्रेज बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए। उस कपटी प्रेमी की तरह भागे, जो प्रेमिका का छाता भी ले जाए। वह बेचारी भीगती बस-स्टैंड जाती है, तो उसे प्रेमी की नहीं, छाता-चोर की याद सताती है।
स्वतंत्रता-दिवस भीगता है और गणतंत्र-दिवस ठिठुरता है।
मैं ओवरकोट में हाथ डाले परेड देखता हूँ। प्रधानमंत्री किसी विदेशी मेहमान के साथ खुली गाड़ी में निकलती हैं। रेडियो टिप्पणीकार कहता है-’घोर करतल-ध्वनि हो रही है।’ मैं देख रहा हूँ, नहीं हो रही है। हम सब तो कोट में हाथ डाले बैठे हैं। बाहर निकालने का जी नहीं हो रहा है। हाथ अकड़ जाएँगे।
लेकिन हम नहीं बजा रहे हैं, फिर भी तालियाँ बज रहीं हैं। मैदान में जमीन पर बैठे वे लोग बजा रहे हैं, जिनके पास हाथ गरमाने के लिए कोट नहीं है। लगता है, गणतंत्र ठिठुरते हुए हाथों की तालियों पर टिका है। गणतंत्र को उन्हीं हाथों की ताली मिलतीं हैं, जिनके मालिक के पास हाथ छिपाने के लिए गर्म कपड़ा नहीं है। पर कुछ लोग कहते हैं-’गरीबी मिटनी चाहिए।’ तभी दूसरे कहते हैं-’ऐसा कहने वाले प्रजातंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।’
हरिशंकर परसाई
ठिठुरता हुआ गणतंत्र
प्रसिद्ध व्यंगकार
Congratulations @theorignal! You have completed the following achievement on Steemit and have been rewarded with new badge(s) :
Award for the number of upvotes
Award for the number of upvotes received
Click on the badge to view your Board of Honor.
If you no longer want to receive notifications, reply to this comment with the word
STOP
To support your work, I also upvoted your post!
Congratulations @theorignal! You have completed the following achievement on Steemit and have been rewarded with new badge(s) :
Award for the number of comments received
Click on the badge to view your Board of Honor.
If you no longer want to receive notifications, reply to this comment with the word
STOP
Namste🙏, I invite you to Join our Indian Community. I will be promise you to learn everything about steemit and grow your steemit earnings.
Join here or Click Banner> https://discord.me/Steemin
very nice article
keep going on good hard work
yes sir your support is very inspairing for me