'हे अर्जुन जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा............
'हे अर्जुन जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ श्रीमद्धगवद्धीता'."
'हे अर्जुन जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ श्रीमद्धगवद्धीता'."