'ज़ालिम ने राज़ छिपा रक्खे थे, मासूम चेहरे के पीछे, वरना अचानक ........
'ज़ालिम ने राज़ छिपा रक्खे थे, मासूम चेहरे के पीछे, वरना अचानक कोई, इंसान से हैवान नहीं बनता!
'ज़ालिम ने राज़ छिपा रक्खे थे, मासूम चेहरे के पीछे, वरना अचानक कोई, इंसान से हैवान नहीं बनता!