माना था ख़ुशी की आस जिसे वही आज गम की वज़ह लगता है,.............sunilgehlot (47)in #gajal • 3 years ago माना था ख़ुशी की आस जिसे वही आज गम की वज़ह लगता है,, था कभी ये इश्क़ नेमत ख़ुदा की अब उम्र भर की सज़ा लगता है।