अभाव में भी खुश रहना सीखो क्योंकि जिसको रोने की आदत पड़ जाए तो वह सबकुछ पाने के बाद भी रोता ही रहता है।*
जीवन क्षणभंगुर है,
एक क्षणिक विश्राम के बाद यात्रा तो इससे आगे भी होनी है। जीवन को क्षणभंगुर समझने का मतलब यह नहीं कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा भोग कर लिया जाए।
शशि प्रभा ---
