Beautiful thought
जिह्वा और वाणी का
तारतम्य अगर बिगड़
जाए तो सब कुछ बिगड़
जाना है जीवन हो
या संबंध तुम्हारी वाणी
तुम्हारा वास्तविक धन है!!
क्यों?
शब्द अनंत है एक बार
मुंह से निकल जाने के बाद
कभी न रुकने वाली यात्रा
करते हैं शरीर दौलत सम्पत्ति
सब कुछ खत्म हो जाने के बाद
भी समाप्त नहीं होते।