Beautiful thought

in #beautiful2 months ago

वस्तुएँ बल से छीनी अथवा धन से प्राप्त की जा सकती हैं; किन्‍तु ज्ञान अध्‍ययन से ही प्राप्‍त हो सकता है। विद्या मनुष्य का मानसिक संस्कार करती है। शिक्षा के साथ स्वाध्याय को जोड़ना पड़ेगा। जितनी आवश्यक शिक्षा है उतना ही महत्वपूर्ण है, स्वाध्याय अर्थात स्वयं का अध्ययन। इसे आत्म-शिक्षण भी कहते हैं जिसमे चिन्तन, मनन और अध्ययन तीन बातें आती हैं। शिक्षा हमें उन केन्द्रों पर ले जाती है, जहाँ मनुष्य की सफलता के सूत्र बसे हुए हैं।
सुप्रभात।

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