Beautiful thoughts
मुर्ख हो या शंख हमेशा दूसरों के फूंकने से ही ध्वनित होते हैं।
जरूरत से ज्यादा चालाक पुरुष हो या स्त्री जीवन पर्यन्त सुख से आमना-सामना करने को तरसते रह जाते हैं।
मुर्ख हो या शंख हमेशा दूसरों के फूंकने से ही ध्वनित होते हैं।
जरूरत से ज्यादा चालाक पुरुष हो या स्त्री जीवन पर्यन्त सुख से आमना-सामना करने को तरसते रह जाते हैं।
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