Beautiful thoughts

in #beautiful16 days ago

तकलीफ़ बहुत थी मां तेरे जिंदा रहते तू रोकती टोकती ठोकती बहुत थी तेरी रोक बंदिश लगती तो तेरी टोक ताने लगते और तेरा ठोकना तो बिल्कुल तानाशाही लगती अब तेरे न रहने पर तो तकलीफ असहनीय है न कोई कायदा है जिंदगी का न कोई वायदा है सब-कुछ बिना सिर पैर ताल लय के जिंदगी जैसे एक बिना दरवाजे का मकान बनकर रह गई!!
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